स्वयं संस्था ने की इको फ्रेंडली होली मनाने की अपील
स्वयं संस्था की ओर से अपने ओंकार रोड स्थित कार्यालय में दिनांक 10-03-25 को इको फ्रेंडली होली मनाने की अपील की गई । इस अवसर पर संस्था की उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में त्योहार मनाने के तरीकों में बहुत अंतर आ गया है। होली के अवसर पर प्रयोग किए जाने वाले रंगों में हानिकारक कॉपर, पारा और लैड आदि के यौगिक पाए जाते हैं जो त्वचा के लिए बहुत नुकसानदायक होते हैं। साथ ही ये पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इन कृत्रिम रंगों के कारण नेत्र रोग ,त्वचा रोग और अन्य प्रकार की एलर्जी भी हो सकती है । इतना ही नहीं यह मिट्टी में रहने वाले सूक्ष्म जीवों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
श्रीमती सक्सेना ने बताया कि टेसू, गुलाब ,गेंदा आदि के फूलों को सुखाने के बाद उबालकर इनसे सुंदर प्राकृतिक रंग तैयार किए जा सकते हैं। चुकंदर को पानी में उबालकर एवं हल्दी को पानी में घोलकर भी उनसे सुंदर रंग बनाए जा सकते हैं।
होली का त्योहार मनाते समय हमें थोड़ी सतर्कता भी बरतनी है ।जहां तक हो सके गीले रंगों के बजाय सूखे प्राकृतिक रंगों से त्योहार मनाना चाहिए जिससे हम भी सुरक्षित रहे और दूसरों को भी सुरक्षा मिल सके।