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post authorjitendar nayyar 05 Feb 2025 545

राम चरित मानस में सबसे सुंदर है सुंदर काण्ड सूर्यकांत धस्माना .

देहरादून: भागवत कथा मर्मग्य आचार्य डॉक्टर शशांक शेखर जी द्वारा बंजारावाला में आयोजित सुंदर काण्ड पाठ के लिए आमंत्रित देश के विख्यात राम कथा वाचक श्री अजय याग्निक ने संगीतमई सुंदर काण्ड से उपस्थित श्रोता भक्तगणों को मंत्र मुग्ध कर दिया और अनेक बार श्रोता याग्निक जी के भजनों में झूमने व नृत्य करने लगे। इस अवसर पर आयोजन के लिए आचार्य शशांक शेखर जी को बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि डॉक्टर शशांक शेखर स्वयं एक लब्ध प्रतिष्ठित विख्यात कथा वाचक हैं और उन्होंने अपने गृह प्रवेश कार्यक्रम में एक और विख्यात रामभक्त को आमंत्रित कर हनुमान जी का आह्वाहन करवा कर अपने घर भगवान राम व मां जानकी को आमंत्रित कर लिया क्योंकि जहां हनुमान जी हैं वहां राम व जानकी जी हैं क्योंकि भगवान राम ने स्वयं कहा है कि उनको सबसे प्रिय अपना सेवक है और संसार में यह सर्वविदित है कि हनुमान जी से बड़ा कोई राम जी का दूसरा सेवक नहीं । श्री धस्माना ने कहा कि पूरी रामचरित मानस में सात कांडों में केवल एक सुंदर काण्ड ऐसा है जिसे अलग से किया जाता है क्योंकि यह पूरा काण्ड हनुमान जी को समर्पित है जो उनकी बुद्धि बल विद्या और सबसे बड़ा उनका राम काज के लिए समर्पण का गुणगान है इसीलिए सुंदर काण्ड से पहले किष्किंधा काण्ड के उस दोहे को पढ़ा जाता है जिसमें रीछपति जामवंत जी हनुमान जी को उनके बल की याद दिलाते हुए कहते हैं "कही रीछ पति सुन हनुमाना, का चुप साध रहेयु बलवाना,पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना, कवन सो काज कठिन जग माही ,जो नहीं होत तात तुम पाईं, राम काज लगी तब अवतारा सुनतई भयहू पर्वताकारा।"
श्री धस्माना ने कथावाचक श्री अजय याग्निक जी का उत्तराखंड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आप जैसे राम भक्त देवभूमि में पधारे और भक्तों के बीच राम चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष कार्य अधिकारी श्री किशोर भट्ट ने भी श्री याग्निक का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व धर्म अधिकारी श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति आचार्य जगदंबा प्रसाद सती पूर्व प्रधानाचार्य शिवनाथ संस्कृत महाविद्यालय आचार्य सूर्य मोहन भट्ट आचार्य, महीधर प्रसाद चमोली, आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ,आचार्य वाचस्पति डिमरी ,श्रीमती सुशीला गुंसला,श्री राजेंद्र गुंसोला एवं श्रीमती कंचन गुंसोला उपस्थित रहे।
डाक्टर शशांक शेखर ने सभी आगंतुक श्रद्धालुओं का कार्यक्रम में पधारने के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के बाद विशाल भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।